International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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हरियाणवी लोकनाटय(सांगों) में सामाजिक सरोकार
1 Author(s): DR . BALJEET SINGH
Vol - 4, Issue- 2 , Page(s) : 138 - 144 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
हरियाणा की धर्म-धरा को भारतीय संस्कृति का पालना कहा जाता है। धर्म एक दर्षन के अतिरिक्त यहां की लोककलाओं ने इसकी संस्कृति को समृद्व बनाने में अहम भूमिका निभार्इ है। और इन लोक कलाओं में अग्रगण्य रहा है यहां का लोकनाटय (सांग) लोकनाटय का प्रभाव क्षेत्र केवल नाटय-कला तक ही सीमित नही रहता, अपितु इसकी परिधि में परंपराएं पलती है, इतिहास बोलता है और वे मान्यताएं प्रतिबिमिबत होती है जो शताबिदयों से हमारे समाज का पथ-दर्षन करती आर्इ है।