International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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गांधी जी का शिक्षा दर्षन और बुनियादी शिक्षा
1 Author(s): NARENDER KUMAR
Vol - 5, Issue- 2 , Page(s) : 469 - 478 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
मोहन दास कर्मचन्द गांधी एक महान नेता ही नहीं थे बल्कि एक व्यावहारिक दार्षनिक और शैक्षिक विचारक थे । वे एक जाति रहित तथा स्वतन्त्र समाज की रचना करना चाहते थे जहां किसी भी प्रकार का शोषण और भेदभाव न हो। इसके लिए उन्होंने षिक्षा को साधन के रूप में माना । उनका षिक्षा दर्षन देष के आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक जीवन से प्राप्त उनके अनुभवों का परिणाम था। गांधी जी ने किसी नए दर्षन का निर्माण नहीं किया बल्कि उन्होंने भारतीय दर्षन की मूलभूत बातों को ही व्यावहारिक रूप दिया । गांधी जी के षिक्षा सम्बन्धी विचार उनके सामान्य दर्षन का क्रियात्मक रूप है।