International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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संगीत तथा काव्य में पारस्परिक सम्बन्ध
1 Author(s): SATWINDER KAUR
Vol - 5, Issue- 1 , Page(s) : 504 - 507 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
संगीत और काव्य दोनों ही कलांए गतिशील हैं। कोई भी कलाकार भावों को व्यक्त करने के पूर्व अपने अन्दर उसका चित्र अवश्य अंकित कर लेता है। कल्पना को आकार देना कलाकार की साधना का चरम रूप है। अपने भावों को प्रकट करने की प्रवृत्ति मानव में आदि काल से रही है। और इस प्रवृत्ति के कारण ‘कला’ का जन्म हुआ।