International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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इतिहास लेखन में कला का योगदान
1 Author(s): ANJU MALIK
Vol - 8, Issue- 4 , Page(s) : 144 - 148 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
प्रागैतिहासिक मानव द्वारा पत्थर के औजार बनाने से ही कला की शुरूआत हो जाती है। प्रारम्भ में मानव द्वारा निर्मित कलात्मक पुरावशेष, शैलगृहों व गुफाओं में भित्ति चित्रों के रूप में परिलक्षित होती है। सिंधु संस्कृति के समय इसका विकास शुरू हुआ जो मौर्यकाल व गुप्तकाल में अपने चरर्मोत्कर्ष पर पहुॅच गया। वास्तु, शिल्प, मूर्ति, चित्र, कांस्य प्रतिमा, मृण्मयी मूर्तियाॅं, मृदभाजन, सिक्के, दन्तकर्म, काष्ठकर्म, मणिकर्म, स्वर्ण व रजत कर्म आदि के रूप मंें भारतीय कला की सामग्री भरपूर मात्रा में पाई जाती है।