International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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उषा प्रियम्वदा के कथा-साहित्य में नारी चेतना
3 Author(s): RAJ KUMAR,DR. SAROJ CHAUDHARY ,DR . ALOK RANJAN PANDEY
Vol - 13, Issue- 8 , Page(s) : 70 - 81 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
इस आलेख में साठोत्तरी हिंदी साहित्य में लोकप्रियता की दृष्टि से अवलोकन करें तो उषा प्रियम्वदा को विलक्षणता के शिखर पर आसीन पाएंगे। एक अत्याध्ुनिक साहित्यकार के रूप में भारत और विदेश में रही हैं, जिन्होनें प्रवासी एवं ंअप्रवासी जीवन की सच्चाई को बडे़ ही नजदीक से देखा है। इसी कारण से ज्यादा गहरी पैठ भारत की बजाय विदेशों में रही है।