International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
दलित अस्मिता की कसौटी पर ‘भरोसे की बहन’ (श्यौराज सिंह बेचैन के कहानी संग्रह ‘भरोसे की बहन’ के विशेष संदर्भ में)
1 Author(s): DR. NEETU JAI SINGHANI
Vol - 13, Issue- 6 , Page(s) : 16 - 23 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
वर्तमान दौर भूमंडलीकरण/वैश्वीकरण का है। सूचना क्रांति और इंटरनेट ने आज विश्व समाज को काफी करीब ला दिया है। इससे विचार और चेतना के आदान-प्रदान को तीव्रम गति मिली। भूमंडलीकरण का बाइप्रॉडक्ट बाजार है जो उपभोग को चरम मूल्य मानता है। अपनी सकारात्मक भूमिका में बाजार जाति आधारित भेदमूलक समाज को एकबारगी पाटने में सराहनीय भूमिका निभाता है। तर्क और आधुनिक वैचारिकी/चिंतन ने भी सदियों की रूढ़ जाति-व्यवस्था पर कुठाराघात किया है। पर विडंबना कि इसकी जड़ें उखड़ती नहीं।