International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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जन आन्दोलन और लोक नायक जयनारायण व्यासः एक दृष्टिकोण
1 Author(s): DR.OM PRAKASH MALI
Vol - 13, Issue- 2 , Page(s) : 146 - 151 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
राजस्थान में स्वाधीनता की लहर वास्तविक स्वरूप में तो सन् 1857 की क्रान्ति के समय से उठ गई थी, वस्तुतः क्रान्ति की कतिपय कारणों व अनियोजित अवस्था में भड़कने से सारा दृश्य ही परिवर्तित हो गया। इस महत्वपूर्ण क्रान्ति में जनता की आवाज उठने की स्थिति ठीक से ना पाई, क्यूंकि यह क्रान्ति मौलिक रूप से सैन्य स्तर के विद्रोह के रूप में हुई, हाँ! इतना तय हो गया कि इन क्रान्तिकारियों को यथायोग्य जन सहयोग मिलना जन-जागरण की एक झलक था।