International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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आधुनिक नाटको की रंगमंचीय प्रकृति
1 Author(s): DR. OMVATI DEVI
Vol - 13, Issue- 2 , Page(s) : 119 - 124 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
कला की जो भी परिभाशा की जाए, किन्तु उसके दो तत्वों की अनिवार्यता अविवादास्पद है- एक आत्माभिव्यक्ति और दूसरा अभिव्यक्ति का सम्प्रेशण। साहित्य को केवल आत्माभिव्यक्ति ही नहीं वरन् सम्प्रेशण की भी अपेक्षा होती है और यह सम्प्रेशण के उपादानों पर निर्भर करता है। कविता, कहानी, उपन्यास, रेखाचित्र आदि का सम्प्रेशण मुख्यतः आज मुद्रण के द्वारा होता है किन्तु जहाँ तक नाटक और उसके विविध रूपों का प्रष्न है