International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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कुड़माली नेगाचारी एवं विज्ञान
1 Author(s): PROF. BHUWANESHWAR KUMAR
Vol - 13, Issue- 2 , Page(s) : 60 - 64 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
कुड़मी जनजाति की नेगाचारी अति प्राचीन है, जिसका अपना स्वतंत्र भाषा एवं संस्कृति है। नेगाचारी का कुरमाली भाषा में अर्थ - नेगा- बांया तथा चारी का अर्थ- संस्कृति होता है। इन जनजाति के लोग सांस्कृतिक तथा संस्कार प्राय वामावर्त होता है। जो इनकी लोक साहित्य में पाया जाता है। सभी प्रकार के लोक नृत्य में प्राय: बाया से दाहिने तरफ नाचते-गाते अखाड़ा में घूमते हैं। इस जनजाति के लोग प्रकृति पूजक होते है।