International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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बाल शोषण और मानवाधिकार
1 Author(s): DR. PREETI JAIN
Vol - 12, Issue- 1 , Page(s) : 80 - 86 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
मानवाधिकारों से तात्पर्य उन सभी अधिकारों से है जो व्यक्ति के जीवन स्वतंत्रता, समानता, एवं गरिमा से जुडे़ हुए है। यह अधिकार भारतीय संविधान के भाग 3 में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किये गये है। और न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है। इसके अतिरिक्त वे अधिकार जो अंतर्राष्ट्रीय समझौते के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा स्वीकार किये गये है। एवं देश के न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है को भी मानव अधिकार माना जाता है। इन अधिकारों के बिना व्यक्ति की स्थिति पशु के भॉति हो जायेगी।