International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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भगवती प्रसाद वाजपेयी के उपन्यासों में नारी प्रेम भावना बोध
1 Author(s): DR. SUSHMA YADAV
Vol - 5, Issue- 2 , Page(s) : 240 - 247 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
भगवती प्रसाद वाजपेयी के उपन्यास नारी प्रेम सम्बन्धी उद्भावनाओं से आच्छादित तथा पे्रम पथ मूलक है। नारी प्रेम से प्रेरित कर्तव्य और वासना का दृष्टात्मक चित्रण किया गया है। वाजपेयी जी प्रेम भाव के निरछलता, शिलता, पवित्रता पर विश्वास करते दिखाई देते हैं। शिक्षित नारी की सामाजिक स्थिति तथा तत्सम्बन्धी प्रेमभावना का विकास हमें उनके उपन्यासों में देखने को मिलता है। आर्दशवादी दृष्टिकोण के बीच प्रेममूलक जिजीविषा का दस्तावेज उनके उपन्यासों में बड़े ही नाटकीय ढंग से दर्शाया गया है। उनके उपन्यासों की मूल चेतना नारी प्रेम भाव ही है।