जनसंख्या वृद्धि : भूमि उपयोग परिर्वतन (जबलपुर जिला एक भौगोलिक अध्ययन)
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Author(s):
DR. NEETU JAT
Vol - 5, Issue- 1 ,
Page(s) : 21 - 39
(2014 )
DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
Abstract
मनुष्य अपनी उत्पतित काल से ही प्रकृति प्रदत्त उपहारों का उपयोग अपनी आवष्यकतानुसार करता रहा है, किन्तु धीर - धीरे मानवीय आवष्यकताओं एवं जनसंख्या वृद्धि ने प्रकृति एंव मनुष्य के मध्य अन्र्तसंबंधों में असंतुलन पैदा हो गया है, इस असंतुलन के मुख्य कारण मनुष्य का प्रकृति की ओर अमानवीय व्यवहार एंव सोच है। आज वर्तमान समस्याओं जैसे - जल स्त्रोत का âास, जनसंख्या वृद्धि, मौसम की अनिषिचतता, भूमण्डलीय ताप की समस्या भूमि का áस ,खाधान्न की कमी आदि। उपराक्त समस्याओं का मुख्य कारण मनुष्य द्वारा बनाइ विकास की विष्व प्रतिस्पर्धा नगरीकरण औधोगिकरण जैसे कार्य हैं। जनसंख्या वृद्धि विष्व स्तर पर अति गंभीर समस्या बन गयी है।
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