International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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समर्थ: पदविधि: - एक विवेचन
1 Author(s): TARUN KUMAR DEEP
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 534 - 538 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
समर्थ: पदविधि: पाणिनीय व्याकरण का एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण सूत्र है यह अत्यन्त व्यापक है। इसकी व्यापकता विभक्ति विधान, समास, तद्धित आदि वृत्तियों में हैं। इसके महत्त्व को ध्यान में रखते हुए आचार्य पतञ्जलि पूरे एक आह्निक का उपयोग किया है। अत: प्रकृत सूत्र को समझने के लिए पद, विधि, पदविधि से सम्बद्ध स्थल आदि की चर्चा अत्यंत आवश्यक है।