International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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आधुनिक युग में विश्व कल्याण की दृष्टि से संस्कृत साहित्य में वर्णित लोक चेतना की अवधारणा
1 Author(s): DR. RAKESH KUMAR
Vol - 3, Issue- 1 , Page(s) : 228 - 229 (2012 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
संस्कृत-वाङ्मय में काव्यशास्त्र के मर्मज्ञों ने काव्य के विविध प्रयोजनों में लोकव्यवहार के ज्ञान को काव्य का अन्यतम प्रयोजन बतलाया है। इसलिए किसी अच्छे कवि के लिए यह अपेक्षित होता है कि वह अपने काव्यों में लोकव्यवहार के विभिन्न पक्षों का समुचित समावेश करे।