कबीर का आचार शास्त्र
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Author(s):
DR. SURESH KUMAR
Vol - 8, Issue- 8 ,
Page(s) : 217 - 223
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
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Abstract
आचार शास्त्र की परिभाषा तथा क्षेत्र प्रत्येक युग में मतभेद के विषय रहे, फिर भी व्यापक रूप से यह कहा जा सकता है कि आचार शास्त्र में उन सामान्य सिधान्तों का विवेचन होता है जिनके आधार पर मानवीय क्रियाओं और उद्धेश्यों का मूल्यांकन सम्भव हो सके। अधिकांश लेखकों और विचारकों का मत है कि आचार शास्त्र का सम्बन्ध मानदण्डों और मूल्यों से है, न कि वस्तुस्थितियों के अध्ययन या खोज से इन मानदण्डों का प्रयोग व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन के विश्लेषण में किया जाना चाहिए।
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