International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
भारतीय दर्शन - एक समीक्षा
1 Author(s): SURUCHI KUMARI
Vol - 11, Issue- 8 , Page(s) : 151 - 154 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
भारतीय दर्शन के विकास-क्रम की एक खास विशेषता रही है, जो यूरोपीय दर्शन के विकास-क्रम से अलग प्रतीत होती है। तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो यूरोप में दर्शन का विकास प्रायः एक-दूसरे के प्श्चात् होता रहा है यानि एक दर्शन की समाप्ति पर दूसरे दर्शन का विकास हुआ है जबकि भारतीय दर्शन के अंतर्गत सभी दर्शन साथ-साथ अस्तित्व में रहें हैं। भारतीय दर्शन में औरों को साथ लेकर चलने का जो गुण है वह आज भी मानव मात्र को अपनी ओर आकृष्ट करता है। यह मानव मात्र के लिए प्रकाशमान स्रोत है